प्रेग्नेंट होने के लिए कितना वेट होना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Sat 5th Jan 2019 : 07:04

प्रेग्‍नेंसी में Underweight होना बच्‍चे के लिए हो सकता है जानलेवा

गर्भावस्‍था में महिलाओं का वजन कम हो तो मां और शिशु को कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
underweight in pregnancy
कई महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी के दौरान वजन बढ़ने से दिक्‍कत नहीं होती है जबकि कुछ महिलाएं वजन बढ़ने को लेकर परेशान रहती हैं। गर्भावस्‍था में वजन न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि मेटाबोलिज्‍म, मॉर्निंग सिकनेस, कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या आदि। प्रेग्‍नेंसी में ओवरवेट होने की तरह ही अंडरवेट होने के भी कुछ नुकसान होते हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।

गर्भावस्‍था में कितना वजन बढ़ना चाहिए
वजन कम होना यानी अंडरवेट और गर्भावस्‍था का मेल सही नहीं है। कंसीव करने से पहले महिला का कम से कम 45 कि.ग्रा वजन होना सही है। इससे कम वजन को प्रेग्‍नेंसी के लिए अंडरवेट कहा जाता है। जिन महिलाओं का 45 कि.ग्रा से कम वजन है उन्‍हें गर्भवती होने से पहले 12 सा 18 कि.ग्रा वजन बढ़ा लेना चाहिए।

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प्रेग्‍नेंसी के लिए सही वजन कितना होना चाहिए ये आपके बॉडी मास इंडेक्‍स यानी बीएमआई पर निर्भर करता है। इसमें लंबाई और वजन के आधार पर बॉडी फैट मापा जाता है।

Intelligent बच्चा चाहिए तो प्रेग्नेंसी से पहली शुरू कर दें ये काम

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स्‍वस्‍थ रहने के लिए शरीर का एक्टिव रहना और एक्‍सरसाइज करना जरूरी है। इतना ही नहीं अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि इससे मस्तिष्‍क की कार्यक्षमता में भी सुधार आ सकता है। सप्‍ताह में तीन से चार बार 30 मिनट पैदल चलने से ही काफी लाभ मिलता है।

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अंडे का पीला भाग कोलाइन से युक्‍त होता है। यदि गर्भावस्‍था के दौरान इसका सेवन किया जाए तो शिशु की याद्दाश्‍त और बौद्धिक क्षमता अच्‍छी होती है। वहीं कुछ रिसर्च में ओमेगा-3 फैटी एसिड को भी मस्तिष्‍क के विकास के लिए बेहतर माना गया है। अगर आप प्रेगनेंट होने से पहले ही अंडा और मछली खाती हैं तो इससे आपको गर्भावस्‍था के दौरान काफी फायदा होगा।

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अगर आप प्रेगनेंट होने के बारे में सोच रही हैं या आपने गर्भधारण कर लिया है तो अपने आहार में विटामिन युक्‍त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करे। आपको विटामिन ए, के और बी एवं फोलिक एसिड के सप्‍लीमेंट जरूर लेने चाहिए। फोलिक एसिड मस्तिष्‍क में स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है और सही मात्रा में फोलेट मिलने से शिशु में ऑटिज्म का खतरा कम देखा गया है।
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जिस दिन आपने ये सोच लिया कि अब आप मां बनना चाहती हैं, बस उसी दिन से लेकर डिलीवरी तक आपको निकोटीन और शराब को हाथ भी नहीं लगाना है।

डिलीवरी से पहले शराब लेने से शिशु में कोई जन्‍म विकार हो सकता है या उसकी बौद्धिक क्षमता में भी कमी आ सकती है।

जो महिलाएं प्रेग्‍नेंसी में धूम्रपान करती हैं उनकी प्रीमैच्‍योर डिलीवरी (नौ महीने से पहले) होने की संभावना रहती है। इसलिए बेहतर होगा कि मां बनने का फैसला करने के बाद से ही आप इन दोनों चीजों को छोड़ दें।
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इनसोमनिया से लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं प्रभावित होती हैं। बेबी बंप के साथ पूरी रात एक ही पोजीशन में सोना काफी मुश्किल होता है। वहीं आरामदायक पोजीशन में सोना बहुत जरूरी है।

अच्‍छी नींद लेने से न केवल मूड अच्‍छा रहता है बल्कि आपका इम्‍यून सिस्‍टम भी मजबूत होता है। इससे स्‍वस्‍थ शिशु को जन्‍म देने की संभावना भी बढ़ जाती है। पर्याप्‍त नींद लेने से गर्भस्‍थ शिशु के मस्तिष्‍क का विकास ठीक तरह से होता है और जन्‍म के बाद उसे कोई दिक्‍कत नहीं होती है।

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आप भी समझती होंगी कि आगे का नौ महीने का सफर आपके लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में आपको खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना है। ध्‍यान एवं योग करें और पौष्टिक आहार लें।


प्रेग्‍नेंसी में Underweight होने से मां को नुकसान

अंडरवेट होने पर जरूरी पोषक तत्‍वों जैसे कि आयरन और फोलेट की कमी होती है जिससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।
अंडरवेट महिलाओं में नौ महीने से पहले डिलीवरी ज्‍यादा होती है। इनमें खासतौर 37वे हफ्ते से पहले डिलीवरी हो जाती है।
अगर आपको प्रेग्‍नेंसी के दौरान अंंडरवेट हैं तो आपके सिजेरियन ऑपरेशन करवाने की ज्‍यादा संभावना है।
भ्रूण की जरूरतों को पूरा करने के लिए शरीर ने सभी पोषक तत्‍वों का इस्‍तेमाल कर लिया होता है इसलिए अंडरवेट महिलाओं को अपने जीवन में आगे एनीमिया या ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
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डिलीवरी के बाद ब्रेस्‍ट मिल्‍क कम आ सकता है। इसे पूरा करने के लिए आपकाे सप्‍लीमेंट लेने पड़ेंगे।

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गर्भावस्‍था में अंडरवेट होने से शिशु को नुकसान

यदि प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिला अंडरवेट हो तो शिशु को निम्‍न मुश्किले हो सकती हैं :

गर्भावस्‍था के दौरान शिशु को सही पोषण न मिलने के कारण जन्‍म के समय शिशु का वजन कम हो सकता है।
अगर आपका शिशु जन्‍म के समय अंडरवेट है तो इसकी वजह से हाइपोथर्मिया या शिशु को आगे चलकर लो ब्‍लड शुगर जैसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं।
शिशु की इम्‍यूनिटी भी कमजोर हो सकती है जिससे उस पर संक्रमणों का खतरा रहता है।
शिशु को आगे चलकर डायबिटीज या ह्रदय से संबधित समस्‍याएं हो सकती हैं।
कुछ अध्‍ययनों के मुताबिक मां के अंडरवेट होने की वजह से नवजात शिशु की मृत्‍यु हो सकती है।
जन्‍म के समय वजन कम हेाने से शिशु को सेरेब्रल पाल्‍सी, सीखने की क्षमता में दिककत, देखने और सुनने में दिक्‍कत हो सकती है।

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मां को प्रेग्‍नेंसी में कैसे मिले जरूरी पोषण

गर्भावस्‍था के दौरान कुछ बातों का ध्‍यान रखकर आप शिशु को पर्याप्‍त पोषण दे सकती हैं और जटिलताओं से बच सकते हैं :

न्‍यूरल ट्यूब डिफेक्‍ट के खतरे को कम करने के लिए गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त मात्रा में फोलिक एसिड लें।
डॉक्‍टर से पूछें कि आपको खाने या सप्‍लीमेंट से प्रीनैटल विटामिन लेना कब शुरू करना है।
पर्याप्‍त मात्रा में पानी पिएं। यह भी पढें : जानिए पानी पीने का सही तरीका

Intelligent बच्चा चाहिए तो प्रेग्नेंसी से पहली शुरू कर दें ये काम

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स्‍वस्‍थ रहने के लिए शरीर का एक्टिव रहना और एक्‍सरसाइज करना जरूरी है। इतना ही नहीं अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि इससे मस्तिष्‍क की कार्यक्षमता में भी सुधार आ सकता है। सप्‍ताह में तीन से चार बार 30 मिनट पैदल चलने से ही काफी लाभ मिलता है।

यह भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में एक्सर्साइज है जरूरी
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अंडे का पीला भाग कोलाइन से युक्‍त होता है। यदि गर्भावस्‍था के दौरान इसका सेवन किया जाए तो शिशु की याद्दाश्‍त और बौद्धिक क्षमता अच्‍छी होती है। वहीं कुछ रिसर्च में ओमेगा-3 फैटी एसिड को भी मस्तिष्‍क के विकास के लिए बेहतर माना गया है। अगर आप प्रेगनेंट होने से पहले ही अंडा और मछली खाती हैं तो इससे आपको गर्भावस्‍था के दौरान काफी फायदा होगा।

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अगर आप प्रेगनेंट होने के बारे में सोच रही हैं या आपने गर्भधारण कर लिया है तो अपने आहार में विटामिन युक्‍त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करे। आपको विटामिन ए, के और बी एवं फोलिक एसिड के सप्‍लीमेंट जरूर लेने चाहिए। फोलिक एसिड मस्तिष्‍क में स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है और सही मात्रा में फोलेट मिलने से शिशु में ऑटिज्म का खतरा कम देखा गया है।
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जिस दिन आपने ये सोच लिया कि अब आप मां बनना चाहती हैं, बस उसी दिन से लेकर डिलीवरी तक आपको निकोटीन और शराब को हाथ भी नहीं लगाना है।

डिलीवरी से पहले शराब लेने से शिशु में कोई जन्‍म विकार हो सकता है या उसकी बौद्धिक क्षमता में भी कमी आ सकती है।

जो महिलाएं प्रेग्‍नेंसी में धूम्रपान करती हैं उनकी प्रीमैच्‍योर डिलीवरी (नौ महीने से पहले) होने की संभावना रहती है। इसलिए बेहतर होगा कि मां बनने का फैसला करने के बाद से ही आप इन दोनों चीजों को छोड़ दें।
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इनसोमनिया से लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं प्रभावित होती हैं। बेबी बंप के साथ पूरी रात एक ही पोजीशन में सोना काफी मुश्किल होता है। वहीं आरामदायक पोजीशन में सोना बहुत जरूरी है।

अच्‍छी नींद लेने से न केवल मूड अच्‍छा रहता है बल्कि आपका इम्‍यून सिस्‍टम भी मजबूत होता है। इससे स्‍वस्‍थ शिशु को जन्‍म देने की संभावना भी बढ़ जाती है। पर्याप्‍त नींद लेने से गर्भस्‍थ शिशु के मस्तिष्‍क का विकास ठीक तरह से होता है और जन्‍म के बाद उसे कोई दिक्‍कत नहीं होती है।

यह भी पढें : प्रेग्नेंसी के दौरान ये फूड्स खाने से पैदा होंगे Intelligent बच्चे
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आप भी समझती होंगी कि आगे का नौ महीने का सफर आपके लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में आपको खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना है। ध्‍यान एवं योग करें और पौष्टिक आहार लें।


प्रेग्‍नेंसी में कैसे बढ़ाएं वजन

अगर गर्भावस्‍था के दौरान आपका वजन कम है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको कुछ टिप्‍स दे रहे हैं जिनकी मदद से आप प्रेग्‍नेंसी में वजन बढ़ा सकती हैं।

नाश्‍ता करना न भूलें। अपने नाश्‍ते में प्रोटीन युक्‍त आहार जरूर लें।
दिन में तीन बार से ज्‍यादा खाएं और हर बार संतुलित एवं स्‍वस्‍थ आहार लें। सूखे मेवे, दही आदि को स्‍नैक्‍स में शामिल करें।
जंकफूड का सेवन बिलकुल न करें। इनमें बहुत कम या न के बराबर पोषण होता है और गर्भावस्‍था में आपको पौष्टिक चीजें ज्‍यादा खानी चाहिए।
दूध प्रोटीन और कैल्शियम का अच्‍छा स्रोत होता है। रोज दूध पीने से वजन बढ़ने में मदद मिल सकती है।
अंडरवेट होने पर गर्भावस्‍था में एक्‍सरसाइज करने से बचें।
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वजन बढ़ाने के लिए उच्‍च कैलोरी वाली चीजें खाएं जैसे कि एवोकैडो, दालें, अनाज और बींस।
खाना खाने के बाद सलाद जरूर खाएं ताकि आपका पेट जल्‍दी भर जाए।

प्रेग्‍नेंसी में अंडरवेट होना सही नहीं है और गर्भावस्‍था से पहले ही कुछ बातों का ध्‍यान रखकर मां और शिशु दोनों को ही किसी बड़ी मुश्किल से बचा सकते हैं।

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