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बच्चों की लंबाई बढ़ाने में सही खानपान के साथ ही इन चीज़ों की ओर भी दें ध्यान
उम्र के अनुसार बच्चों की लंबाई का न बढ़ना भी अभिभावकों के लिए समस्या बन जाता है। कुछ सुझावों पर अमल कर बच्चों की लंबाई बढ़ सकती है।
हर माता पिता की यह दिली ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे की लंबाई उम्र के अनुसार सही हो। जिस प्रकार एक नन्हा पौधा उचित मिट्टी, खाद, पानी, धूप और समुचित वातावरण मिलने पर बढ़कर बाद में वृक्ष का रूप लेकर फल-फूल प्रदान करता है, उसी तरह बच्चा भी उचित भोजन और वातावरण मिलने पर अपनी अनुकूलतम संभावित बढ़त/लंबाई (ऑप्टिमम ग्रोथ पोटेंशियल) प्राप्त कर सकता है।
प्रमुख कारण
बच्चे की लंबाई का निर्णय मां के पेट में ही हो जाता है। मां का स्वास्थ्य और गर्भस्थ शिशु को मिल रहे पोषण का भी कालांतर में बच्चे की लंबाई पर असर पड़ता है। इसके अलावा गर्भस्थ शिशु को मिले खानदानी जीन्स पर बच्चे की लंबाई निर्भर करती है। ज्यादातर बच्चों की लंबाई अपने माता-पिता की औसत लंबाई होती है या फिर लड़की की मां की लंबाई पर और लड़के की पिता की लंबाई के अनुसार बच्चे की बढ़त होती है।
लड़कियों में लंबाई बढ़ने की तेजी 8-13 वर्ष की उम्र के बीच आती है और लडकों में 10-15 की उम्र में। धीमी गति से लंबाई 18 से 21 वर्ष तक बढ़ती रहती है। कुछ बातों का धैर्यपूर्वक ध्यान रखा जाए तो बच्चा अपनी अनुकूलतम संभावित लंबाई पा सकता है।
लंबाई बढ़ने में पोषण का महत्व
बढ़ते हुए लड़कों को 2800 से 3000 और लड़कियों को 2200 से 2500 कैलोरीज की आवश्यकता होती है। इस कैलोरी का 40 प्रतिशत भाग प्रोटीन से आना चाहिए। लंबाई बढ़ाने के लिए जरूरी है कि भोजन में विटामिन ए, डी, कैल्शियम एवं आयरन की उचित मात्रा हो। हाई प्रोटीन डाइट के लिए भोजन में दूध और अंडा शामिल करना चाहिए। सिर्फ शाकाहारी प्रोटीन के स्रोत काफी नहीं होते।
इन बातों को जानना भी है जरूरी
जरूरत से ज्यादा भोजन अधिक लंबाई नहीं बढ़ाता, बल्कि बढ़ाता है मोटापा और मोटे होने से लंबाई बढ़ना कम हो सकता है। लंबाई बढ़ने की उम्र के समय बच्चों के भोजन का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। लंबाई बढ़ाने के साथ ही खेलकूद में एनर्जी बहुत अधिक लगती है। तेज लंबाई बढ़ने वाले समय में बच्चों को भूख भी ज्यादा लगती है और उन्हें जल्दी-जल्दी पौष्टिक भोजन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इस उम्र के बच्चे बाहर का फास्ट फूड्स खाने के लिए लालायित होते हैं। इस स्थिति में अभिभावकों को बच्चों को फास्ट फूड्स खाने के नुकसान के बारे में बताना चाहिए और उन्हें बच्चों को जरूरत के अनुसार पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाते रहना चाहिए। इस समय में अनावश्यक डाइटिंग लंबाई बढ़ना रोक सकती है।
नींद का महत्व
नींद बच्चे की बढ़त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 10 से 12 घंटे की नींद और रात जल्दी बिस्तर में जाने से लंबाई में काफी फर्क पड़ता है। आराम के समय शरीर में बौद्धिक और शारीरिक विकास करने वाले हॉर्मोन्स बेहतर काम करते हैं।
व्यायाम
शारीरिक व्यायाम या शरीर का क्रियाशील रहना लंबाई बढ़ाने के लिए जरूरी है। खुशगवार माहौल में खेलकूद, आउटडोर स्पोर्ट्स, बाइकिंग, रनिंग, तैराकी आदि करना चाहिए। ख़ुशी-ख़ुशी घर के काम में शामिल होने से भी बच्चे की बढ़त में मदद मिलती है और साथ ही मोटापा काबू में रहता है।
जांच करवाएं
अपने बच्चे की अपने डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवा कर उसकी बढ़त का आकलन करवाते रहे। लंबाई न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। समय पर इलाज मिलने से कद बढ़ सकता है। अत्यधिक छोटे कद के बच्चे (जिनके खानदान में अन्य सभी लंबे हों) ग्रोथ हॉर्मोन ट्रीटमेंट ले सकते हैं। इसकी शुरुआत सोच समझ कर करनी चाहिए एक बार शुरू होने के बाद बीच मे बंद होने से नुकसान हो सकता है। हार्मोन ट्रीटमेंट से 2 से 3 इंच तक लंबाई बढ़ सकती है, लेकिन यह बहुत महंगा इलाज है और इसे 6 से 7 वर्ष तक लगातार करवाना पड़ता है।
हमारे देश के बच्चों की औसत लम्बाई विश्र्व के औसत से बहुत कम है। 40 प्रतिशत बच्चे अपनी निश्चित लंबाई प्राप्त नहीं कर पाते। इसका मुख्य कारण है उचित पोषण की कमी। यह कुपोषण पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है और इसी वजह से हमारे बच्चो की जीन्स तक में बदलाव आ गए है। हमारे नीति निर्माताओं को बच्चों के पोषण को सर्वोच्च प्राथिमकता देनी चाहिए। यही से राष्ट्र का निर्माण होगा।
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