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इस बच्चे का दिल एक मिनट में धड़कता है 250 बार, मेडिकल साइंस के लिए बना चुनौती
झांसी. झांसी का रहने वाला ईशान एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जो करोड़ों में किसी एक को होती है। इस 12 साल के बच्चे का दिल सामान्य बच्चों की तुलना में कई गुना तेज धड़कता है। इसके धड़कन की रफ्तार एक मिनट के भीतर 250 तक पहुंच चुकी है। सामान्य तौर पर यदि दिल के धड़कन की गति इतनी तेज हो जाए तो तत्काल मौत हो जाती है। वर्तमान में यह बीमारी मेडिकल साइंस के लिए एक चुनौती बनी है।
देश के जाने-माने शल्य चिकित्सक भी ईशान का इलाज कर चुके हैं। उन्होंने इस बीमारी को लेकर कई घंटों तक लोगों से चर्चा भी की। चिकित्सकों का कहना है कि दुनिया में ऐसे मामले बेहद कम देखने को मिले हैं। दिल की धड़कन 250 तक पहुंचने के बाद भी बच्चा सही सलामत है। चिकित्सक इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि ईशान पीडब्ल्यूपी नामक बीमारी से ग्रसित है।
क्या होती है पीडब्ल्यूपी बीमारी
दिल की धड़कन के लिए स्नायुतंत्र होता है, उसमें खराबी आ जाने से यह बीमारी होती है। यह तंत्र अपनी गलत प्रक्रिया की वजह से हृदय की गति को बहुत अधिक बढ़ा देता है। इससे रोगी को घबराहट, सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत हो जाती है। रोगी के शरीर में झटके लगते हैं। इस बीमारी से खून की पंपिंग कैपिसिटी कम हो जाती है। मस्तिष्क में खून की कमी के साथ ही गुर्दे के फेल होने का खतरा रहता है। चिकित्सक डॉ. पीके जैन के अनुसार इस बीमारी को पीडब्ल्यूपी सिंडोम कहते हैं। इस बीमारी का पता 1930 में लगाया गया था।
इस तरह हो सकता है इलाज
दिल की धड़कन को काबू में करने के लिए खराब स्नायुतंत्र को ठीक करना पड़ता है। डॉ. पीके जैन के अनुसार स्नायुतंत्र में खराबी को ठीक करने के लिए लेजर विधि का प्रयोग किया जा सकता है। कृत्रिम उल्टी द्वारा भी इस रोग को ठीक किया जा सकता है, लेकिन किसी भी विधि से इसका इलाज 18 साल की उम्र के बाद ही संभव है।
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