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माँ के दूध में फैट बढ़ाने के टिप्स
फैट से शरीर में मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम का विकास होता है। यहाँ कुछ टिप्स दिए हैं जिनकी मदद से माँ के दूध में फैट कंटेंट को बढ़ाया जा सकता है, आइए जानते हैं;
1. ब्रेस्ट को पूरा खाली करें
हाल ही में बनी मांएं अक्सर सोचती हैं कि वे अपने नवजात शिशु को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाएं जो वास्तव में जरूरी नहीं है। जब बच्चा दूध पीना शुरू करता है तो इसमें मौजूद फैट कंटेंट एक दूसरे से चिपक कर मिल्क डक्ट्स की दीवार में रह जाते हैं। शुरू में पतला दूध यानी फोरमिल्क निप्पल में पहले पहुँचता है और बाद में फैट-युक्त दूध यानी हिंडमिल्क निप्पल में आता है। यदि आप बच्चे को दूसरे ब्रेस्ट से भी दूध पिलाना शुरू कर देती हैं तो बच्चे का पेट भर सकता है और ऐसे में उसे फैट-युक्त दूध नहीं मिल पाता है। इसका बेस्ट तरीका यह है कि आप अपने बच्चे को एक ब्रेस्ट से तब तक दूध पिलाएं जब तक उसका दूध पूरा खत्म न हो जाए। इसके बाद बच्चा यदि और भूखा है तो आप उसे दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिलाना शुरू करें।
2. मालिश करें
ब्रेस्ट की मालिश करने और इसमें हल्का दबाव डालने से ब्रेस्ट मिल्क का बहाव बढ़ सकता है। आप अपने ब्रेस्ट में हल्का-हल्का दबाव डालकर भी ऐसा कर सकती हैं। इस दबाव से ब्रेस्ट में मौजूद फैट-युक्त दूध निप्पल की तरफ खिसकता है। यह तरीका तभी फायदेमंद है जब इसे करते समय बच्चा दूध पी रहा हो क्योंकि यह बच्चे तक फैट-युक्त दूध पहुँचाने में मदद करता है।
3. प्रोटीन-युक्त आहार लें
यद्यपि माँ के दूध में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन होता है और इसमें फैट कंटेंट को बढ़ाने के लिए आप प्रोटीन-युक्त आहार खा सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटीन माँ के दूध को सिंथेसिस करने में मदद करता है और इसलिए आप अपने बच्चे के लिए डायट्री फैट भी बढ़ा सकती हैं। अंडे, ड्राईफ्रूट्स, दूध, चिकन, चीज़ और मछली में प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है। यदि आप शाकाहारी हैं तो आप लैक्टेशन स्पेशलिस्ट की मदद से प्रोटीन के सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।
4. बच्चे को ज्यादा से ज्यादा बार दूध पिलाएं
आप बच्चे को जितनी ज्यादा बार दूध पिलाएंगी उतना ज्यादा पीछे का फैट-युक्त दूध शुरूआत में ही निप्पल्स की ओर आ सकता है। लगातार ब्रेस्टफीड कराने से हिंडमिल्क आगे की ओर आता है।
5. ब्रेस्ट मिल्क को पंप से निकालें
ब्रेस्ट पंप का उपयोग करने से ब्रेस्ट मिल्क में फैट की मात्रा बढ़ सकती है। पंप से दूध निकालने से ब्रेस्ट खाली करने में मदद मिलती है। इस प्रकार से फोरमिल्क बाहर निकल जाता है और आपका बच्चा आराम से हिंडमिल्क पीता है जिससे उसे फैट मिलता है। हालांकि बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए फोरमिल्क भी जरूरी है।
6. सप्लीमेंट्स लें
ऐसा माना जाता है कि माँ के दूध में फैट की मात्रा बढ़ाने के लिए नेचुरल हेल्थ सप्लीमेंट्स भी प्रभावी होते हैं। इसमें से सनफ्लॉवर लेसिथिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और इसका उपयोग वही महिलाएं करती हैं जिनके डक्ट्स ब्लॉक हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सनफ्लॉवर लेसिथिन ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद फैट्स के चिपकने को कम करता है और दूध में इसके प्रवाह को बढ़ाता है। इससे बच्चे को दूध पिलाते समय ब्रेस्ट में पीछे मौजूद दूध आगे की तरफ आता है।
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