सिजेरियन डिलीवरी के बाद कितना पानी पीना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Tue 7th May 2019 : 22:05

बच्‍चे काे दूध पिलाती हैं तो खुद दिन में जरूर पिएं इतना पानी

शरीर को पानी की बहुत जरूरत होती है और अगर इसकी कमी हो जाए तो शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं।

आमतौर पर स्तनपान करवाने वाली महिलाओं की ब्रेस्ट में एक दिन में 750 मिली दूध बनता है। स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध के उत्पादन के लिए शरीर का हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है।
बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए आपको अपने शरीर में पानी की कमी होने देने से बचना है। तो चलिए जानते हैं कि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए।
यह कहना गलत नहीं होगा कि स्तनपान करवाने वाली सभी महिलाओं को प्रतिदिन पानी की आवश्‍यकता अलग होती है और उनकी पानी पीने की औसत क्षमता भी अलग-अलग होती है। यह उनके शरीर पर निर्भर करता है। लेकिन हां, अगर आप जान लें कि औसतन स्‍तपान करवाने वाली महिलाओं को कितना पानी पीना चाहिए, तो इससे आप आसानी से अपने शरीर की पानी की जरूरत को पूरा कर सकती हैं।
स्‍तनपान करवाने वाली महिलाएं क्‍यों लगाती हैं अपनी ब्रेस्‍ट पर पत्ता गोभी
निप्‍पल में आई दरार से बैक्‍टीरिया के स्‍तनों के अंदर जाने पर सूजन और ब्रेस्‍ट टिश्‍यू में संक्रमण होने को मैस्टाइटिस कहते हैं। बच्‍चे को लंबे समय तक दूध पिलाने और दूध पिलाने के बीच में ब्रेस्‍ट को आराम न देने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

मैस्टाइटिस एक बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन है जिसे आमतौर पर एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है, लेकिन दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप पत्तागोभी भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

साफ, सूखी और ठंडी बंदगोभी की कुछ पत्तियां लें और उन्‍हें अपनी ब्रेस्‍ट पर लगाएं। इन पत्‍तों से आपको अपनी पूरी ब्रेस्‍ट को कवर करना है। अगर निप्पल पर दर्द, दरार या ब्‍लीडिंग है तो इसे न ढकें।
जब पत्तियां गर्म हो जाएं या 20 मिनट के बाद इन्‍हें हटा दें। आप चाहें तो हल्‍के हाथों से ब्रेस्‍ट को धो सकती हैं। दोबारा इस नुस्‍खे को करने पर इस्‍तेमाल की गई पत्तियों का ही प्रयोग न करें।

अगर आपने दूध पिलाना बंद कर दिया है तो दिन में तीन बार 20-20 मिनट के लिए आप इस उपाय को कर सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि इसके अधिक इस्‍तेमाल के कारण स्‍तनों में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है।
कई बार बच्‍चे को स्‍तनपान बंद करवाने के बाद भी ब्रेस्‍ट में दूध आता रहता है और महिलाएं स्‍तनों में दूध सुखाने के उपाय ढूंढने लगती हैं। आपको बता दें कि पत्ता गोभी भी ब्रेस्‍ट के दूध को सुखाने का कारगर उपाय है। स्‍तनों में दूध कम करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आप पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं।

मैस्‍टाइटिस की तरह ही दूध सुखाने के लिए आपको पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल करना है। पत्ता गोभी को गर्म होने तक ब्रेस्‍ट पर लगाए रखें। आप अपनी मर्जी से दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकती हैं।

इस नुस्‍खे से दूध को सुखाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसके साथ आप ब्रेस्‍ट का दूध सुखाने के लिए और भी कई तरह के घरेलू नुस्‍खे आजमा सकती हैं।
स्‍टडी रिव्‍यू के अनुसार, एंगॉर्जमेंट से राहत पाने में पत्ता गोभी एक असरकारी नुस्‍खा है। इस रिव्‍यू में पाया गया कि पत्ता गोभीसे दर्द और ब्रेस्‍ट की हार्डनेस को कम किया जा सकता है और इसकी मदद से महिलाएं लंबे समय तक अपने शिशु को दूध पिला सकती हैं।
कितना पानी पीना चाहिए
शोधकर्ता बताते हैं कि जो महिलाएं शिशु को दूध पिलाती हैं, उन्‍हें एक दिन में 11.5 कप पानी पीना चाहिए। स्‍तनों में दूध पिलाने के लिए हाइड्रेट रहने की जरूरत होती है। जब भी आप स्तनपान करवाती हैं तो उससे पहले और बाद में एक गिलास पानी जरूर पिंए।

कैसे पता करें डिहाइड्रेशन है
शरीर में पानी की कमी का पता लगाने के लिए यूरिन का रंग देखें। अगर आपका शरीर हाइड्रेटेड होगा तो यूरिन का रंग हल्के पीले रंग का होगा। वहीं, शरीर में पानी की कमी होने पर यूरिन का रंग गहरे पीले रंग का होता है।
स्‍तनपान करवाने वाली महिलाएं क्‍यों लगाती हैं अपनी ब्रेस्‍ट पर पत्ता गोभी

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निप्‍पल में आई दरार से बैक्‍टीरिया के स्‍तनों के अंदर जाने पर सूजन और ब्रेस्‍ट टिश्‍यू में संक्रमण होने को मैस्टाइटिस कहते हैं। बच्‍चे को लंबे समय तक दूध पिलाने और दूध पिलाने के बीच में ब्रेस्‍ट को आराम न देने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

मैस्टाइटिस एक बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन है जिसे आमतौर पर एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है, लेकिन दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप पत्तागोभी भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

साफ, सूखी और ठंडी बंदगोभी की कुछ पत्तियां लें और उन्‍हें अपनी ब्रेस्‍ट पर लगाएं। इन पत्‍तों से आपको अपनी पूरी ब्रेस्‍ट को कवर करना है। अगर निप्पल पर दर्द, दरार या ब्‍लीडिंग है तो इसे न ढकें।
जब पत्तियां गर्म हो जाएं या 20 मिनट के बाद इन्‍हें हटा दें। आप चाहें तो हल्‍के हाथों से ब्रेस्‍ट को धो सकती हैं। दोबारा इस नुस्‍खे को करने पर इस्‍तेमाल की गई पत्तियों का ही प्रयोग न करें।

अगर आपने दूध पिलाना बंद कर दिया है तो दिन में तीन बार 20-20 मिनट के लिए आप इस उपाय को कर सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि इसके अधिक इस्‍तेमाल के कारण स्‍तनों में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है।
कई बार बच्‍चे को स्‍तनपान बंद करवाने के बाद भी ब्रेस्‍ट में दूध आता रहता है और महिलाएं स्‍तनों में दूध सुखाने के उपाय ढूंढने लगती हैं। आपको बता दें कि पत्ता गोभी भी ब्रेस्‍ट के दूध को सुखाने का कारगर उपाय है। स्‍तनों में दूध कम करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आप पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं।

मैस्‍टाइटिस की तरह ही दूध सुखाने के लिए आपको पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल करना है। पत्ता गोभी को गर्म होने तक ब्रेस्‍ट पर लगाए रखें। आप अपनी मर्जी से दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकती हैं।

इस नुस्‍खे से दूध को सुखाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसके साथ आप ब्रेस्‍ट का दूध सुखाने के लिए और भी कई तरह के घरेलू नुस्‍खे आजमा सकती हैं।

की स्‍टडी रिव्‍यू के अनुसार, एंगॉर्जमेंट से राहत पाने में पत्ता गोभी एक असरकारी नुस्‍खा है। इस रिव्‍यू में पाया गया कि पत्ता गोभीसे दर्द और ब्रेस्‍ट की हार्डनेस को कम किया जा सकता है और इसकी मदद से महिलाएं लंबे समय तक अपने शिशु को दूध पिला सकती हैं।

कम पानी पीने के नुकसान
यदि आप स्तनपान करवाते समय पर्याप्त पानी नहीं पीती हैं तो इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?

मानव शरीर में 70% पानी मौजूद होता है। तो सोचिए अगर हम उचित मात्रा में पानी का सेवन नहीं करते हैं तो इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
पानी न पीने से डिहाइड्रेशन हो जाता है जो स्तनपान करवाने वाली महिलाओं की सेहत के लिए हानिकारक होता है। ऐसा होने पर आपकी त्वचा में रूखापन, होंठों के फटने, सिर चकराने, मांसपेशियों में ऐंठन, सांस लेने में परेशानी होना, एकाग्रता में कमी, जल्दी थकान महसूस होना, भूख और प्यास लगने जैसी समस्‍याएं होती हैं।
शरीर में पानी की कमी ज्‍यादा हो जाए तो गंभीर स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है। यह स्थिति स्तनपान करवाने वाली महिला और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
स्‍तनपान करवाने वाली महिलाएं क्‍यों लगाती हैं अपनी ब्रेस्‍ट पर पत्ता गोभी

निप्‍पल में आई दरार से बैक्‍टीरिया के स्‍तनों के अंदर जाने पर सूजन और ब्रेस्‍ट टिश्‍यू में संक्रमण होने को मैस्टाइटिस कहते हैं। बच्‍चे को लंबे समय तक दूध पिलाने और दूध पिलाने के बीच में ब्रेस्‍ट को आराम न देने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

मैस्टाइटिस एक बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन है जिसे आमतौर पर एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है, लेकिन दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप पत्तागोभी भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

साफ, सूखी और ठंडी बंदगोभी की कुछ पत्तियां लें और उन्‍हें अपनी ब्रेस्‍ट पर लगाएं। इन पत्‍तों से आपको अपनी पूरी ब्रेस्‍ट को कवर करना है। अगर निप्पल पर दर्द, दरार या ब्‍लीडिंग है तो इसे न ढकें।


जब पत्तियां गर्म हो जाएं या 20 मिनट के बाद इन्‍हें हटा दें। आप चाहें तो हल्‍के हाथों से ब्रेस्‍ट को धो सकती हैं। दोबारा इस नुस्‍खे को करने पर इस्‍तेमाल की गई पत्तियों का ही प्रयोग न करें।

अगर आपने दूध पिलाना बंद कर दिया है तो दिन में तीन बार 20-20 मिनट के लिए आप इस उपाय को कर सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि इसके अधिक इस्‍तेमाल के कारण स्‍तनों में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है।
कई बार बच्‍चे को स्‍तनपान बंद करवाने के बाद भी ब्रेस्‍ट में दूध आता रहता है और महिलाएं स्‍तनों में दूध सुखाने के उपाय ढूंढने लगती हैं। आपको बता दें कि पत्ता गोभी भी ब्रेस्‍ट के दूध को सुखाने का कारगर उपाय है। स्‍तनों में दूध कम करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आप पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं।

मैस्‍टाइटिस की तरह ही दूध सुखाने के लिए आपको पत्ता गोभी का इस्‍तेमाल करना है। पत्ता गोभी को गर्म होने तक ब्रेस्‍ट पर लगाए रखें। आप अपनी मर्जी से दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकती हैं।

इस नुस्‍खे से दूध को सुखाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसके साथ आप ब्रेस्‍ट का दूध सुखाने के लिए और भी कई तरह के घरेलू नुस्‍खे आजमा सकती हैं।
स्‍टडी रिव्‍यू के अनुसार, एंगॉर्जमेंट से राहत पाने में पत्ता गोभी एक असरकारी नुस्‍खा है। इस रिव्‍यू में पाया गया कि पत्ता गोभीसे दर्द और ब्रेस्‍ट की हार्डनेस को कम किया जा सकता है और इसकी मदद से महिलाएं लंबे समय तक अपने शिशु को दूध पिला सकती हैं।
किन बातों का ध्‍यान रखें
जानिए स्तनपान करवाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखकर आप खुद को हाइड्रेट रख सकती हैं :

जिस भी समय आपको प्यास लगे तुरंत सब काम छोड़कर पानी पिएं और पानी की बोतल अपने पास रखें।
तरल पदार्थों में वैरायटी रखें जैसे नींबू पानी, ऑरेंज जूस, खीरा और तुलसी डालकर भी पी सकती हैं। इससे आपको पोषक तत्व भी मिलेंगे और आप हाइड्रेट भी रहेगी।
ताजे फलों और सब्जियों का भी सेवन करें जैसे संतरे, तरबूज, खीरे, स्ट्रॉबेरी। ये सब चीजें आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं।
आपके लिए यह समझना है कि शरीर के लिए पानी की कमी होना बिलकुल भी सही नहीं है। यह आपके और बच्‍चे दोनों के लिए हानिकारक होगा।

solved 5
wordpress 4 years ago 5 Answer
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