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शुरूआत के 3 महीने में, मां का भोजन भी बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव ड़ालता है। इसलिए, डिलीवरी के बाद महिला को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपनी डाइट को बैलेंस रखना चाहिए। अगर मां को स्तनों में दूध सही तरीके से नहीं बनता है या कोई समस्या है तो वह बॉडी में आयरन की कमी को दर्शाता है। तीन महीने तक बच्चे को आयरन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। तीन महीने के बाद, आयरन से भरपूर अन्य भोजन भी देना शुरू किया जा सकता है जिसके बारे में आगे बताया जा रहा है।
3-6 महीने के शिशु का आहार
बच्चे की इस उम्र से उसके शरीर को पोषक तत्वों की भरपूर आवश्यकता पड़ती है। इस दौर में शिशु का आहार, मां के दूध पर ही निर्भर न रहकर बल्कि कुछ ठोस आहार में भी परिवर्तित हो जाता है जैसे - पका हुआ भोजन। इसकी शुरूआत बच्चे को सेरेलेक देकर करनी चाहिए, जिसे अच्छी तरह से मैश करके बच्चे को थोडे - थोडे अंतराल पर देना चाहिए, इससे बच्चे को शरीर के विकास के लिए पर्याप्त पोषक तत्व मिलेगें।
धीरे - धीरे बच्चे को दोपहर में भी कुछ - कुछ नया देने का प्रयास करें जो उसे आसानी से हजम हो जाएं। इस प्रकार, बच्चे को दी जाने वाली भोजन सामग्री में बढ़ावा करना चाहिए। जब आप बच्चे को कुछ नया भोजन देने की शुरूआत करें तो उसे कम से कम एक सप्ताह तक देना चाहिए, और उसके दो सप्ताह तक खिलाने के बाद ही कुछ और नया देना चाहिए। कुछ भी नया भोजन देने से बच्चे को शुरूआत में अपच हो सकती है। रागी पाउडर, सूजी या कच्चे केले के पाउडर को चीनी और दूध में पकाकर देना भी लाभदायक होता है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को यह भोजन बोतल से न दें, खाने को चम्मच से खिलाने की आदत डालें ताकि बच्चे को बाद में ठोस आहार देने पर उसे दस्त न हों और उसका तालू भी काम करने लगे। बच्चा थोडा सा और बड़ा हो जाएं तो उसे अच्छी तरह पके हुए चावल और दही खिला सकते है। जब बच्चा, इसे अच्छी तरह से पचाने लग जाएं तो उसे खिचडी खिलाना चाहिए, जिसे चावल और मूंग की दाल से बनाया जाना चाहिए। बच्चे को इस उम्र में सूप और हल्की सुपाच्य सब्जियां और फल भी, सपलरीमेंशन फूड के तौर पर दिन में एक - आध बार देना चाहिए। फ्रूट और सब्जियों से बच्चे के शरीर में ब्रेस्ट मिल्क पर्याप्त मात्रा में न मिल पाने के कारण हुई आयरन की कमी को दूर करता है। बच्चे को दिया जाने वाला फल पूरी तरह से पका होना चाहिए। अगर बच्चे का अच्छी तरह से ख्याल रखा जाएं तो उसके जन्म के 5 महीने में उसका वजन दोगुना हो जाता है।
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