छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा क्या पसंद है?pregnancytips.in

Posted on Tue 18th Oct 2022 : 09:36

आप अपने बच्चे के व्यवहार को जितना अधिक समझना शुरू करेंगे,उनकी बड़े होने की प्रक्रिया उतनी ही अधिक मज़ेदार होगी! आपको आपके बच्चे के व्यवहार के कुछ पहलूओं को तेजी से समझने में हम आपकी सहायता के लिए हाज़िर हैं। यह प्रक्रिया उनके दुर्व्यवहार के इरादे और कारण को समझने से शुरू होती है।
छोटे बच्चों को खुश करने के लिए क्या करें?
सबसे पहले बच्‍चे को अपने मां-बाप का और फिर परिवार के अन्‍य सदस्‍यों का प्‍यार चाहिए होता है। बच्‍चे को भले ही उसकी गलतियों पर डांट दें लेकिन कुछ अच्‍छा करने पर उसकी तारीफ करना भी न भूलें। इससे बच्‍चे को हमेशा यह एहसास रहेगा कि आप उससे कितना प्‍यार करते हैं।
माता-पिता अपने बच्‍चे को खुश रखने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं लेकिन हर पेरेंट के लिए यह समझ पाना मुश्किल है कि बच्‍चे को क्‍या चीज सबसे ज्‍यादा खुशी देती है। पहली बार पेरेंट्स बनने पर अक्‍सर बच्‍चे की जरूरत को समझना मुश्किल लगता है।

असल बात तो यह है कि बच्‍चों को समझना ज्‍यादा मुश्किल नहीं होता है और उनके दुखी होने या अजीब व्‍यवहार करने के पीछे बहुत सिंपल सा कारण होता है। छोटे बच्‍चों को बस मां-पापा के प्‍यार, केयर और अटेंशन की जरूरत होती है। बड़े होने पर उनकी इन जरूरतों में कुछ और चीजें जुड़ जाती हैं।
अपने बच्‍चे को हमेशा ये एहसास दिलाते रहें कि आप उनके साथ हैं। उन्‍हें बताएं कि उनकी हर मुश्किल में आपका सपोर्ट उन्‍हें मिलता रहेगा। इससे बच्‍चा खुलकर अपने मन की बात आपकाे बता पाएंगे।

बच्‍चों को अपनी बातों से ये एहसास करवाएं कि वो आपसे अपनी हर तरह की परेशानी शेयर कर सकता है। इससे बच्‍चे को टीएनज में होने वाली कई परेशानियों को ठीक तरह से हैंडल करने में मदद मिलेगी। यकीन मानिए आपके बच्‍चे के लिए आपका सपोर्ट बहुत जरूरी होता है।
बच्‍चों का मन बहुत नाजुक होता है और छोटी-सी बात पर भी उनका दिल टूट जाता है। अपने बच्‍चे के दिल को प्‍यार और दुलार से भर दें। सबसे पहले बच्‍चे को अपने मां-बाप का और फिर परिवार के अन्‍य सदस्‍यों का प्‍यार चाहिए होता है।

बच्‍चे को भले ही उसकी गलतियों पर डांट दें लेकिन कुछ अच्‍छा करने पर उसकी तारीफ करना भी न भूलें। इससे बच्‍चे को हमेशा यह एहसास रहेगा कि आप उससे कितना प्‍यार करते हैं। जब भी बच्‍चा थोड़ा उदास दिखे, उसे गले लगाकर खूब प्‍यार दें। इसके बाद आपको खुद महसूस हो जाएगा कि प्‍यार से उसका मुरझाया हुआ चेहरा कैसे खिल उठा है।
अगर पेरेंट्स एक साथ खुश रहेंगे और दोनों के रिश्‍ते में खूब प्‍यार रहेगा, तो इससे बच्‍चा भी खुश रहता है। मां के दुखी होने या रोने पर, बच्‍चे भी रोना शुरू कर देते हैं इसलिए अगर आप अपने बच्‍चे को खुश देखना चाहते हैं, तो पहले अपने रिलेशनशिप को खुशहाल बनाने पर काम करें। पेरेंट्स के खुश रहने पर बच्‍चे भी खुश राहते हैं।
पेरेंट्स तो हमेशा अपने बच्‍चों की मदद के लिए दिन-रात खड़े रहते हैं लेकिन कई बार इतनी हेल्‍प काफी नहीं होती है। कई बार बच्‍चों को प्रोफेशनल हेल्‍प की जरूरत पड़ती है।

स्‍कूल में कोई बात होने, किसी बच्‍चे के परेशान करने, टीचर के डांटने या घर में ही किसी सदस्‍य के चुपचाप परेशान करने की वजह से बच्‍चा दुखी या उदास रह सकता है।

ऐसे में सिर्फ पेरेंट्स का साथ या हेल्‍प काफी नहीं होती है। अगर आपको अपने बच्‍चे का उदास या दुखी रहना खटक रहा है, तो उसे डॉक्‍टर, काउंसलर या प्रोफेशनल के पास ले जाएं।

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