प्रेगनेंसी में सिर दर्द होता है क्या?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द

गर्भवती होने पर अब मुझे बार-बार सिरदर्द क्यों होता है?
गर्भवती होने पर सिरदर्द होना कोई असामान्य बात नहीं है, विशेषकर कि पहली तिमाही में। और यदि आपको पहले भी सिरदर्द होता रहा हो, तो गर्भावस्था में यह समस्या और बढ़ सकती है।

गर्भावस्था में सिरदर्द शायद हॉर्मोनों की वजह से और रक्त संचरण के तरीके में बदलाव के कारण होता है। यदि आपने कैफीन का सेवन बंद कर दिया है, तो यह भी आपके सिर में दर्द होने का कारण हो सकता है। अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

थकान
साइनस कंजेशन
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर (जैस्टेशनल हाइपरटेंशन)
तनाव और भूख
धूप में ज्यादा देर तक रहना और शरीर में पानी की कमी होना (डिहाइड्रेशन)

माइग्रेन वाला सिरदर्द अलग होता है। कुछ महिलाएं, जिन्हें माइग्रेन रहता हो, वे पाती हैं कि गर्भावस्था में उनकी यह समस्या कम हो गई है। वहीं, कुछ अन्य महिलाओं में गर्भावस्था में यह बार-बार व और अधिक तेज होने लगता है।
क्या सिरदर्द किसी समस्या का संकेत हो सकता है?
कुछ दुर्लभ मामलों में यह समस्या हो सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर या पेशाब में प्रोटीन हो तो, आपका सिरदर्द, ​प्री-एक्लेमप्सिया का संकेत हो सकता है। यह गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर का गंभीर रूप है।

बहरहाल, अधिकांश महिलाओं के लिए गर्भावस्था में सिरदर्द होना केवल एक असहज मगर अस्थाई साइड इफेक्ट है।
गर्भावस्था में सिरदर्द का उपचार कैसे किया जा सकता है?
सिरदर्द की अधिकांश दवाओं जैसे कि एस्पिरिन और आईबूप्रोफेन आदि का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता। हालांकि, कभी-कभार इसके लिए पैरासिटामोल ले लेना सुरक्षित है। मगर, दवा लेने से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

आप इन सुरक्षित विकल्पों को भी आजमा सकती हैं:

पता लगाएं कि सिरदर्द की वजह क्या है
क्या आपके आॅफिस में हवा की आवाजाही कम रहती है और ऐसे गर्मी भरे माहौल में काम करने पर आपको तेज सिरदर्द होता है? ऐसा है, तो आप नियमित अंतराल पर बाहर ताजा हवा में जाकर सांस लें। क्या पति के साथ बहस या फिर बच्चों के पीछे भाग-दौड़ आपके सिरदर्द की वजह बनता है? इससे पहले कि ऐसी परिस्थितियां आपको शारीरिक पीड़ा पहुंचाए, आप इन्हें गंभीर न बनने देने के तरीके सोचें।

सिरदर्द एलर्जी का भी संकेत हो सकता है। यदि आपको लगे कि कोई विशिष्ट गंध या भोजन आपके शरीर में गड़बड़ी और सिरदर्द पैदा करता है, तो बेहतर है कि आप उनसे दूर रहें।

सिर पर पट्टी लगाना
साइनस से होने वाले सिरदर्द के लिए हल्की गर्म पट्टी को अपनी आंखों और नाक पर लगाएं। तनाव से होने वाले सिरदर्द के लिए गर्दन के नीचे की तरफ ठंडी पट्टी लगाएं।

जुकाम का उपचार करें
सर्दी-जुकाम और नाक बंद होने पर भी आपको सिर में दर्द हो सकता है। एक-दो बूंद पिपरमिंट या नीलगिरी (यूकेलिप्टस) का तेल डालकर भाप लेने से दर्द से राहत पाने का प्रयास करें।

गर्मी से बचें
जब आप बाहर धूप में जाएं तो सिर ढकने के लिए छतरी या दुपट्टा और आंखों को तेज रोशनी से बचाने के लिए धूप का चश्मा लगाएं। साथ ही, खुद को जलनियोजित रखने के लिए खूब सारा पानी पीएंं।

मालिश करवाएं
खुद के आराम के लिए किसी सैलून या स्पा में जाकर अच्छी मालिश करवाएं। या फिर आप चाहें तो मालिशवाली को घर पर बुलाकर भी मालिश करवा सकती हैं। तनाव व चिंता की वजह से होने वाले सिरदर्द में मालिश विशेषकर काम आती है, जिसमें गर्दन, कंधों और पीठ की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है। यदि एसेंशियल आॅयल से मालिश करवानी हो, तो आप मालिशवाली को पहले बता दें कि आप गर्भवती हैं। कुछ एसेंशियल आॅयल का इस्तेमाल गर्भावस्था में न करना ही बेहतर है।

थोड़ा-थोड़ा मगर बार-बार खाती रहें
खून में शर्करा का स्तर घटना (लो ब्लड शुगर) सिरदर्द का एक आम कारण है। कोशिश करें कि आप थोड़ा-थोड़ा मगर बार-बार खाती रहें। यदि आप कहीं सफर कर रही हों, तो कुछ स्नैक्स (नमकीन, फल, संपूर्ण अनाज के बिस्कुट) अपने बैग में रख सकती हैंं।

सक्रिय व क्रियाशील रहें
इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि नियमित व्यायाम माइग्रेन की बारंबारता और गंभीरता को कम कर सकता है। पास के पार्क में चहल-कदमी या फिर दिन में एक बार तैराकी करना काफी प्रभावी हो सकता है।

अपनी आंखों की जांच कराएं
कई बार गर्भावस्था की वजह से आपकी आंखों की रोशनी में कुछ बदलाव आ सकता है, जिससे सिरदर्द हो सकता है। आंखों के डॉक्टर (आॅप्थेलमोलोजिस्ट) को दिखा लेना फायदेमंद हो सकता है।

ठंडे पानी से नहाएं
ये कुछ माइग्रेन के लिए आसान मगर प्रभावी उपाय है। यह सिर में बढ़ी हुई रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके दर्द में जल्द मगर अस्थाई राहत प्रदान करता है। यदि आप नहा न सके, तो अपने चेहरे पर कुछ ठंडा पानी छिड़क लें।

वैकल्पिक उपचार
कलर थैरेपी विशेषज्ञ मानते हैं कि हरा रंग दिमाग को शांत करता है, और यह तनाव से होने वाले सिरदर्द में विशेषकर प्रभावी है। तनाव से मुक्ति के लिए आप योग और श्वसवन व्यायाम कर सकती हैं।

आराम भी जरुरी है!
कई बार थकान की वजह से भी सिरदर्द हो जाता है। ऐसे में थोड़ी देर सो लेने से दर्द में राहत मिल सकती है।
क्या गर्भावस्था में माइग्रेन की दवाएं लेना सुरक्षित है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी दवा ले रही हैं। अपनी डॉक्टर से बात करें कि आप जो नियमित दवा लेती हैं, वह गर्भावस्था में लेना सुरक्षित है या नहीं।
सिरदर्द से बचने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?
यदि आप निश्चित नहीं हैं कि सिरदर्द या माइग्रेन किस वजह से हो रहा है, तो यह जानने की कोशिश करें कि क्या आपकी जीवनशैली में कुछ ऐसा है, जो सिरदर्द की वजह बन रहा है। एक बार यह जान लेने के बाद आप इससे बचाव के कदम उठा सकती हैं।

डायरी में लिखकर रखें कि आपको सिरदर्द या माइग्रेन कब होता है, इससे कारण का पता लगाने में मदद मिलेगी। हर रोज निम्न बातें नोट करें:

सिरदर्द किस समय होता है
सिरदर्द कितना तेज होता है, किस जगह होता है और कितनी देर तक रहता है
हर दिन आपने क्या खाया और कब खाया
आप शारीरिक तौर से कितनी क्रियाशील रहीं
आप तनाव में रहीं या आराम महसूस कर रही थीं
आपने कितनी नींद ली
आपने कोई दवा ली

आप यह सब लिखने के लिए एप का इस्तेमाल भी कर सकती हैं या फिर इन्हें अपनी डायरी या नोट्स में सेव करके रखें। करीब एक सप्ताह के बाद, हो सकता है आप अपने सिरदर्द का एक पैटर्न देख पाएं, इससे आप दर्द की वजह को पहचान सकेंगी।

यदि आपको किसी विशिष्ट वजह से सिरदर्द होता है, तो ऐसी तकनीक पता लगाएं जो इसे रोकने में मदद करे। वजह को देखते हुए आपके लिए नीचे दी गई बातें फायदेमंद हो सकती हैं:

आराम करें और चिंतामुक्त रहने की कोशिश करें। दफ्तर में लंच ब्रेक में आराम करने का प्रयास करें। घर आने के बाद ज्यादा काम न करें। आराम पाने की तकनीक जैसे कि योग या ध्यान लगाना (मेडिटेशन) भी फायदेमंद हो सकता है।

सोने का एक नियमित पैटर्न रखने का प्रयास करें। बहुत कम सोना या फिर सामान्य से आधे घंटे भी ज्यादा सोना माइग्रेन या सिरदर्द पैदा कर सकता है। यदि आप नींद न आने की बीमारी (इनसोमनिया) से परेशान हों, तो प्राकृतिक उपचार अपनाकर देख सकती हैं।

यदि मांसपेशियों के तनाव या मुद्रा की वजह से आपको सिरदर्द होता है, तो इसके लिए किसी फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाएं। फिजियोथैरेपी में मालिश और व्यायाम शामिल होते हैं, जो आप खुद घर पर कर सकती हैं।

अपने रक्त शर्करा के स्तर को ऊंचा रखने के लिए बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाती रहें और कोई भी भोजन न चूकें।

यदि आपको लगता है कि आपका सिरदर्द या माइग्रेन किसी विशेष भोजन खाने के बाद होता है, तो कुछ सप्ताह तक उसका सेवन बंद कर दें और देखें कि इससे कुछ मदद मिलती है या नहीं। इसके बाद फिर से यह भोजन खाना शुरु करें और देखें कि दोबारा सिरदर्द होता है या नहीं।

नियमित व्यायाम करें, मगर यदि आपको इसकी आदत न हो तो खुद पर जबरदस्ती दबाव न डालें। स्वस्थ व तंदुरुस्त रहने से भी आपके सिरदर्द की तीक्ष्णता और बारंबारता कम हो सकती है। व्यायाम से रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है और यह श्वसन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। यह आपके शरीर में अच्छा महसूस कराने वाले एंडोरफिन जारी करने में भी मदद करता है, जो आपमें स्वस्थ व खुशनुमा अहसास जगाता है।

एक्यूपंक्चर आजमा कर देखें। नीडल (सुई) एक्यूपंक्चर उपचार सुरक्षित माना जाता है और सिरदर्द में आराम दे सकता है। अपनी डॉक्टर से पूछें कि क्या वे आसपास किसी रजिस्टर्ड एक्यूपंक्चर थेरेपिस्ट को जानती हैं।

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