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प्रसव के बाद ब्लीडिंग रोकने में नई दवा के प्रभाव का पता लगा रहे स्त्री रोग विशेषज्ञ
स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के स्थान पर अब कार्बेटोसिन इंजेक्शन की मदद से प्रसूता के रक्तस्त्राव रोक रहे हैं।
प्रसव के बाद ब्लीडिंग रोकने में नई दवा के प्रभाव का पता लगा रहे स्त्री रोग विशेषज्ञ
Gwalior Woman Health News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। गर्भवती के प्रसव के बाद होने वाले रक्तरुााव (ब्लीडिंग) को तत्काल रोकने में कौनसी दवा अधिक कारगार होगी, इसका पता लगाने जीआर मेडिकल कालेज के स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रसूताओं को नई दवा देकर जांच-पड़ताल कर रहे हैं। कमलाराजा अस्पताल (केआरएच) की स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के स्थान पर अब कार्बेटोसिन इंजेक्शन की मदद से प्रसूता के रक्तस्त्राव रोक रहे हैं। अब यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन दोनों दवाओं में कौनसी ज्यादा बेहतर है।
बच्चेदानी पर तेजी से असर: डिलीवरी के दौरान बच्चेदानी का मुंह खुल जाता है। प्रसव के बाद बच्चेदानी अपने मूल आकार में नहीं आ पाती। इस कारण कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद अधिक रक्तरुााव होता है। रक्तरुााव रोकने के लिए अभी तक डाक्टर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का उपयोग करते रहे हैं। पर इस दवा के प्रसूताओं पर दुष्परिणाम भी देखे गए हैं। अब स्त्री रोग विशेषज्ञ ऐसे ड्रग की खोज में हैं, जिसके उपयोग से रक्तरुााव रुक जाए और मरीज को दुष्परिणाम भी न झेलना पड़े। इसी के चलते अब कार्बेटोसिन दवा को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यदि सब ठीक रहा तो आगे प्रसूता को यही दवा दी जाएगी। फिलहाल इस पर जांच-पड़ताल चल रही है।
कमलाराजा अस्पताल (केआरएच) की स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि हर साल करीब 12 से 17 हजार महिलाओं की डिलीवरी की जाती है। डिलीवरी के बाद प्रसूता को होने वाले रक्तरुााव को रोकने के लिए अभी तक ऑक्सीटोसिन दवा का इंजेक्शन लगाया जाता रहा है। इससे रक्तरुााव तो रुक जाता है, पर इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं।
ऑक्सीटोसिन के यह सामने आए दुष्परिणाम़:
- प्रसूता का ब्लड प्रेशर घट जाता है।
- ऑक्सीटोसिन दवा का प्रभाव महज आठ मिनट रहता है।
- प्रभाव कम रहने से बार-बार इसका उपयोग करना पड़ता है।
- ऑक्सीटोसिन के दुष्परिणाम रोकने सहायक दवाएं भी देना पड़ती हैं।
कार्बेटोसिन: प्रसूता में यह दिखा असऱ
- कार्बेटोसिन दवा के उपयोग के बाद ब्लड प्रेशर में कोई प्रभाव नहीं देखा गया।
- इसका असर प्रसूता के शरीर में 40 मिनट तक रहता है।
- असर अधिक होने से यह बच्चेदानी को जल्द सिकोड़ देती है, जिससे रक्तरुााव रुक जाता है।
केआरएच में अभी महज पांच प्रसूताओं के रक्तरुााव रोकने कार्बेटोसिन दवा का उपयोग किया गया है। कार्बेटोसिन दवा का असर अधिक समय तक रहता है और इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक देखने को नहीं मिले। ऑक्सीटोसिन का असर सिर्फ आठ मिनट, जबकि कार्बेटोसिन का 40 मिनट तक रहता है।
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