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गायत्री मंत्र और कुरान की आयतें बढ़ाएंगी गर्भवती का आत्मबल, कम होंगे सिजेरियन प्रसव
चिकित्सकों ने अब योग के साथ ही गायत्री मंत्र और कुरान की आयतों के जरिए महिलाओं का आत्मबल बढ़ाकर सिजेरियन प्रसव कम करने की अनूठी कवायद शुरू की है।
कानपुर [ऋषि दीक्षित]। गर्भधारण के बाद शारीरिक श्रम में कमी, अनियमित जीवनशैली और खानपान गर्भवती की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। इलाज को आईं 80 फीसद गर्भवती में एनीमिया और हीमोग्लोबिन की कमी की दिक्कत है, इसी वजह से उनमें दर्द सहने की क्षमता घटी है और सिजेरियन प्रसव के मामले तेजी से बढ़े हैं। चिकित्सकों ने अब योग के साथ ही गायत्री मंत्र और कुरान की आयतों के जरिए महिलाओं का आत्मबल बढ़ाकर सिजेरियन प्रसव कम करने की अनूठी कवायद शुरू की है। सूबे में अपनी तरह के इस पहले प्रोजेक्ट के शुरुआती दौर में महिलाओं में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद चिकित्सक और उनकी टीम उत्साहित है। शिद्दत से जुटी टीम हिंदू गर्भवती को गायत्री मंत्र एवं मुस्लिम को कुरान की आयतों के साथ योग से जोड़ रही है।
क्यों पड़ी जरूरत
अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पताल में पहले 100 प्रसव में से 20 सिजेरियन होते थे। विगत पांच वर्षों में सिजेरियन प्रसव की संख्या तेजी से बढ़ी है। अस्पताल में 70 फीसद प्रसव सिजेरियन, जबकि 30 फीसद सामान्य हो रहे हैं। इससे मातृ मृत्युदर बढ़ रही है।
इन्होंने तैयार किया प्रोजेक्ट
ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ.नीना गुप्ता ने गायत्री परिवार के सहयोग से प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसमें गर्भवती का अध्यात्म में रुझान और गर्भावस्था के योगासन कराए जाएंगे। इसमें पूरा परिवार शामिल किया जाएगा।
दो ग्रुप बनाकर अध्ययन
अस्पताल की ओपीडी में इलाज को आई गर्भवती को प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। उन्हें पूरी जानकारी दी जाएगी। इसमें 100-100 के ग्रुप बनाए जाएंगे। एक समूह में अध्यात्म एवं योग से जुडऩे में आपत्ति नहीं होगी उन्हें ही जोड़ा जाएगा। दूसरा वह ग्रुप होगा जो सिर्फ इलाज पर ही निर्भर होगा।
गर्भवस्था में योग से फायदा
गर्भ के दौरान कुछ योगासन फायदेमंद हैं जोकि अलग-अलग तरह से प्रसूता को फायदा पहुंचाते हैं।
तितली आसन : इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
उष्ट्रासन : रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
पर्वतासन : गर्भावस्था के दौरान कमरदर्द में आराम मिलता है।
शवासन : मानसिक शांति मिलती है।
शोध के सकारात्मक प्रभाव दिखे
गर्भवती पर अब तक किए गए शोध के सकारात्मक प्रभाव दिखे हैं, महिलाओं की इच्छाशक्ति मजबूत हुई है और दर्द सहने की क्षमता भी बढ़ी है। अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और शासन को प्रस्ताव भेजा है। इस अध्ययन में सरकार से मदद मिलने पर गर्भवती को बहुत फायदा मिलेगा। अस्पतालों में बेवजह होने वाले सिजेरियन प्रसव की संख्या भी कम होगी। इससे इलाज के खर्च में भी कमी आएगी।
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