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प्रेग्नेंसी को गए हैं 8 महीने तो इन बातों का रखें खास ख्याल, नहीं तो हो सकती है परेशानियां
आठवें महीने में आप जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड न खाएं। इसकी वजह से अपच और सीने में जलन हो सकती है। आइए जानते हैं कुछ अन्य जरूरी बातें-
प्रेग्नेंसी को गए हैं
जन्म के छह माह बाद बच्चों को कई जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो सिर्फ दूध पर निर्भर रहने से नहीं मिल पाते। इसलिए, डॉक्टर छह माह से बड़े बच्चों को दूध के अलावा अनाज, दाल, सब्जियां, फल और घर में बने सीरियल्स खिलाने की सलाह देते हैं।
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रोते हुए शिशु को कैसे शांत करा सकती हूं?
जब आप शिशु के रोने के पीछे का कारण समझ लेती हैं, आपके लिए उसकी जरुरत के आधार पर उसे शांत कराना आसान हो सकता है।
यदि आपका शिशु भूखा है
आपके शिशु का नन्हा सा पेट बहुत ज्यादा संग्रह करके नहीं रख सकता।
पुरुष में मौजूद स्पर्म वो सेल है जो बच्चे पैदा करने में मदद करता है.
जब पुरुष एक स्त्री के साथ संबंध बनाता है तो स्पर्म लिंग से बाहर निकलकर योनि में प्रवेश करता है। स्पर्म योनि में प्रवेश करने के बाद, गर्भाशय से होते हुए फैलोपियन ट्यूब में चला जाता
प्रेग्नेंसी के दौरान सर्विक्स में आने वाला यह पहला बदलाव होता है। इसके बाद प्रेग्नेंसी बढ़ने पर और खासतौर पर प्रसव के दौरान सर्विक्स में कई तरह के बदलाव आते हैं। गर्भावस्था में अधिकतर समय बच्चेदानी का मुंह बंद ही रहता है लेकिन प्रेग्नेंसी बढ़ने पर यह लंबी और मुलायम
Continue reading wordpress 1 year ago hindi 0 views अल्ट्रासाउंड क्या है?
अल्ट्रासाउंड एक ऐसा उपकरण है जो हमारे शरीर के अंदरूनी हिस्सों की लाइव इमेज बनाने के लिए सोनार और रेडियो तकनीक का उपयोग करता है। सोनोग्राफी एक चिकित्सा परीक्षण है जो एक अल्ट्रासाउंड डिवाइस का उपयोग करके किया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को उनके अजन्मे बच्चों की छवियों को
तीसरी तिमाही में, आमतौर पर 34 से 36 सप्ताह के बीच अधिकांश शिशु अपने आप घूम जाते हैं और जन्म लेने के लिए सिर नीचे वाली अवस्था में आ जाते हैं। हालांकि, कोई भी दो गर्भावस्था एक सी नहीं होती और कुछ शिशु इस अवस्था में दूसरों की तुलना में
Continue reading wordpress 1 year ago hindi 0 views देसी घी से बच्चे की मालिश करने के फायदे
नवजात बच्चे की मालिश करते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। नवजात बच्चे को कौन सा तेल लगाना है, बच्चे की मालिश किस तरह करनी है और दिन में कितनी बार मालिश करनी है आदि बातों का ध्यान रखना
गर्भावस्था में और इसके बाद स्तनदूध कैसे बनता है
माँ का दूध शिशु के लिए प्रकृति का सबसे बेहतरीन आहार है। दूसरी तिमाही में आपकी दुग्ध ग्रंथिया पूरी तरह तैयार हो जाती है, ताकि अगर शिशु का जन्म समय से पहले हो जाए तो भी आप उसे स्तनपान करवाने के लिए
डिलीवरी के बाद के पहले 24 घंटे
पहले चौबीस घंटों में इस बात पर गौर करना होता है कि कहीं महिला को कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं हो रही है। डिलीवरी के बाद पहले 6 घंटों में ब्लड प्रेशर चेकर करना और पेशाब आ रहा है या नहीं, देखना जरूरी होता